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Massive Shock to Education System — खतरे में है 1.35 लाख शिक्षकों का भविष्य और 27,000 परिषदीय विद्यालय!

दावा: एक लाख 35 हजार शिक्षकों, 27 हजार परिषदीय विद्यालय का अस्तित्व खतरे में




उत्तर प्रदेश के उन्नाव के उत्तर प्रदेश के जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनुपम मिश्रा ने बताया कि उनके ज्ञापन के प्रमुख मांगों में 16 जून 2025 को जारी आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। मर्जर के आदेश में कहीं भी न्यूनतम अथवा अधिकतम संख्या का निर्धारण नहीं किया गया है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अपने हिसाब से मर्जर हेतु संख्या का निर्धारण किया जा रहा है। कहीं पर 10 तो कहीं 20 तो कहीं 50 की संख्या पर निर्धारण किया जा रहा है। एक प्रदेश में अलग-अलग व्यवस्था के कारण विभाग पर शिक्षकों को संदेह हो रहा है।

शिक्षकों के पद और स्कूलों को खतरा

ज्ञापन में बताया गया कि इतने बड़े आदेश को काफी गोपनीय तरीके से लागू किया गया है। जिससे संशय उत्पन्न हो रहा है कि इससे शिक्षकों का अहित है। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि मर्जर व्यवस्था लागू होने से प्रदेश में एक लाख 35 हजार सहायक शिक्षकों के पद तथा 27 हजार प्रधानाध्यापकों के पद एक साथ समाप्त हो जाएंगे। प्रदेश में 27 हजार परिषदीय विद्यालय अपना अस्तित्व खो देंगे।

27 जून को दर्ज कराया जाएगा विरोध

ऐसे में इस काला आदेश को संगठन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेगा। 12 सूत्री ज्ञापन में कई अन्य मुद्दों को भी उठाया गया है। संगठन के अध्यक्ष अनुपम मिश्रा ने बताया कि आगामी 16 जून के आदेश के खिलाफ 27 जून को बीआरसी पर खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। इस मौके पर महामंत्री राम जन्म सिंह, कोषाध्यक्ष सरल कुमार भी मौजूद थे।

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