उत्तर प्रदेश के न सिर्फ बेसिक बल्कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (हाईस्कूल और इंटर कॉलेज) में भी छात्रों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए हैं और सुविधाएं भी बढ़ाई हैं, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।
इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक), संयुक्त निदेशक और मंडलीय अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजकीय स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
हाल ही में जारी यू-डायस डाटा 2023-24 के मुताबिक, प्रदेश के 436 राजकीय हाईस्कूल ऐसे हैं, जहां छात्रों की संख्या 50 से भी कम है। वहीं, 189 इंटर कॉलेजों में 100 से भी कम छात्र नामांकित हैं। यह आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं।
महानिदेशक ने निर्देश दिया कि नामांकन बढ़ाने के लिए मंडल स्तर के अधिकारी और सभी डीआईओएस अपने-अपने जिलों में प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के साथ रणनीति बनाएं। खास तौर पर कक्षा आठ और दस के सभी बच्चों का नामांकन अगले सत्र में सुनिश्चित कराया जाए। इसके लिए हर सप्ताह बैठक कर प्रगति की समीक्षा की जाए।
यह अब सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की साख से जुड़ा मामला बन गया है।
School Merge: 400+ स्कूलों में छात्रों की संख्या बेहद कम, DG ने जताई नाखुशी
By Basic wale
On: July 12, 2025 7:03 AM


