योगी सरकार ने बदली योजना: अब युवाओं को मिलेंगे टैबलेट, स्मार्टफोन नहीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन बांटने की योजना को बदल दिया है। अब युवाओं को स्मार्टफोन की जगह टैबलेट दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि पढ़ाई और शैक्षिक गतिविधियों के लिए टैबलेट ज्यादा उपयोगी हैं, जबकि स्मार्टफोन का इस्तेमाल अन्य कामों में अधिक होता है। इस नए फैसले के बाद 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने के कैबिनेट निर्णय को रद्द कराया जाएगा।
क्यों बदला फैसला?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पिछले अनुभवों में देखा गया कि युवा स्मार्टफोन का इस्तेमाल पढ़ाई के बजाय सोशल मीडिया और अन्य गतिविधियों में ज्यादा कर रहे थे। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चिंता जताई थी। इसके बाद औद्योगिक विकास विभाग ने नया प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें 2000 करोड़ रुपये की बजट राशि अब टैबलेट खरीदने में खर्च की जाएगी।
क्या थी पुरानी योजना?
इस साल महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में हुई कैबिनेट बैठक में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने का फैसला किया गया था। इस योजना में ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डिप्लोमा छात्रों को मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाने थे, ताकि वे अपनी पढ़ाई बेहतर ढंग से कर सकें। यह योजना पांच साल पहले शुरू हुई थी, और 12 जुलाई 2022 को पहली बार टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण का निर्णय लिया गया था।
अब सरकार का फोकस टैबलेट पर है, क्योंकि इन्हें शिक्षा के लिए ज्यादा प्रभावी माना जा रहा है। इससे युवाओं को डिजिटल लर्निंग में मदद मिलेगी और गैर-जरूरी इस्तेमाल कम होगा।






