लखनऊ। नगर हो या ग्रामीण क्षेत्र राजधानी में दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं, जहां एक-दो शिक्षकों के सहारे पढ़ाई हो रही है। इस सबके बीच मोहनलालगंज के बेसिक विद्यालय उतरावां में वर्षों से 29 शिक्षकों का तैनात मिलना और इन्हें जरूरतमंद स्कूल में न भेजा जाना सिस्टम पर सवाल उठाता है।
विद्यालय में मौजूदा छात्र नामांकन संख्या 400 है। इस अनुपात से यहां 14 शिक्षक अतिरिक्त हैं। ये वर्षों से खानापूर्ति कर वेतन उठा रहे हैं। बीईओ को जो शिकायतें मिली हैं, उनके मुताबिक शिक्षक एक-एक दिन छोड़कर स्कूल पहुंचते हैं और हस्ताक्षर हर दिन के होते हैं। एक ही दिन के निरीक्षण में यहां 23 शिक्षक अनुपस्थित मिले तो विभाग की लचर व्यवस्था की भी कलाई खुल गई। अब बीएसए राम प्रवेश का कहना है कि विद्यालय में बच्चों को पढ़ाई का स्तर परखा जाएगा।
यदि स्तर खराब मिलता है तो शिक्षकों पर और सख्त कार्रवाई होगी। अभी तीन शिक्षक निलंबित किए गए हैं और 20 का वेतन रोका गया है। बता दें कि आरटीई अधिनियम के तहत प्राइमरी में 30 बच्चों और जूनियर में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। (संवाद)

हर माह 28 लाख के करीब जा रहा वेतन
लेखा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हर माह शिक्षकों का 28 लाख रुपये वेतन जा रहा है। एक ही विद्यालय इतनी ज्यादा संख्या में शिक्षकों की तैनाती क्यों की गई, इस पर शासन के अधिकारियों को भी ध्यान देने की जरूरत है।
जरूरतमंद स्कूलों में भेजे जाएंगे
विद्यालय में छात्र अनुपात से ज्यादा शिक्षक मिले हैं। निदेशालय से परामर्श से लेकर जरूरतमंद स्कूलों में इन्हें भेजा जाएगा। बीएसए को निर्देश दिया गया है कि विद्यालय में बच्चों का शैक्षिक स्तर परखकर जरूरी कार्रवाई करें। – श्याम किशोर तिवारी, एडी बेसिक