प्रयागराज: बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को तेज करने के लिए अब ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। सोमवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की बैठक में यह फैसला हुआ कि अधियाचन (सिलेबस और पैटर्न) का प्रारूप आयोग, शिक्षा निदेशालय और एनआईसी के प्रतिनिधि मिलकर तय करेंगे। इसके लिए जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
आयोग ने अधियाचन का प्रारूप पहले ही तैयार कर लिया था और इसे अंतिम मंजूरी के लिए कार्मिक विभाग को भेजा था। लेकिन कार्मिक विभाग ने साफ कर दिया कि इस मामले में उनकी कोई खास भूमिका नहीं है। ऐसे में अब आयोग, शिक्षा निदेशालय और एनआईसी मिलकर इस प्रारूप को अंतिम रूप देंगे।
यही वजह है कि बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों ने अभी तक आयोग को रिक्त पदों की जानकारी नहीं भेजी है, जिससे नई भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है। बैठक में यह तय हुआ कि जल्द ही सभी संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक बुलाकर इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
अभ्यर्थियों की बढ़ती बेचैनी
दूसरी ओर, टीजीटी (Trained Graduate Teacher) के 3,539 पदों पर भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में उलझन बनी हुई है। परीक्षा 21 और 22 जुलाई को प्रस्तावित थी, लेकिन अभी तक प्रवेश पत्र जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में, इस तारीख पर परीक्षा हो पाने की उम्मीद नहीं दिख रही।
अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि परीक्षा कब तक होगी। इस परीक्षा का इंतजार कर रहे नौ लाख से अधिक उम्मीदवारों की निराशा बढ़ती जा रही है, क्योंकि पहले भी दो बार इस परीक्षा को स्थगित किया जा चुका है।
क्या होगा आगे?
अब सबकी नजर जल्द होने वाली संयुक्त बैठक पर है, जहाँ अधियाचन के प्रारूप को अंतिम रूप देकर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही शिक्षक भर्ती के नए अपडेट आ सकते हैं।






