Primary ka Masterअवकाश सूचनानई भर्तीमौसम69000 भर्तीResultशिक्षक डायरीशिक्षा विभागTeachers StoryArticleEducationप्रशिक्षण लिंकशिक्षामित्र न्यूज़आध्यात्मिकअन्य
---Advertisement---

‘जीरो टैक्स’ दिखाने वालों की संख्या 3500 पार: सरकारी स्कूलों के शिक्षक, पुलिस और रेलवे अधिकारी जांच के दायरे में

On: July 16, 2025 6:19 AM
Follow Us:
Basic Wale | Primary Ka Master

लखनऊ: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से लेकर पुलिस और रेलवे के अधिकारियों-कर्मचारियों तक पर आयकर विभाग की नजर है। इसके अलावा, निजी कंपनियों के कई बड़े पदों पर बैठे अधिकारी और प्रबंधक भी टैक्स रिटर्न में ‘जीरो टैक्स देयता’ दिखाने के आरोप में फंस गए हैं। जांच में ऐसे 3,500 से अधिक सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही, टैक्स रिटर्न भरवाने वाले बिचौलियों का एक बड़ा नेटवर्क भी पकड़ में आया है। छापेमारी के दौरान कई जगहों से बड़ी मात्रा में नकदी भी बरामद हुई है।

गोंडा से अकेले एक जगह से 17 लाख रुपये की नकदी मिली है। यूपी के सुलतानपुर, गोंडा, वाराणसी, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, अमरोहा और मुरादाबाद में सोमवार से चल रही छापेमारी मंगलवार को भी जारी रही। सूत्रों के मुताबिक, बिचौलियों, टैक्स वकीलों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के दफ्तरों से बिना दस्तावेज या फर्जी रसीदों के जरिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने के सबूत मिले हैं। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है, जिनका रिटर्न गलत तरीके से भरवाया गया। शुरुआत में यूपी के 50 स्थानों पर छापेमारी हुई थी, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।

लंबे समय से चल रही जांच:
आयकर विभाग को इन पर लंबे समय से शक था। ये लोग अपने रिटर्न में टैक्स देयता शून्य दिखा रहे थे, लेकिन जांच में पता चला कि इन्होंने छूट का दावा करने के लिए गलत बिल जमा किए थे या बिना किसी सबूत के जानकारी दी थी। वकीलों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का एक समूह सैलरी पाने वालों का रिटर्न भरवाता था, लेकिन सबूत नहीं देता था या फर्जी दस्तावेज पेश करता था। इस तरह, अच्छी कमाई करने वाले सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी टैक्स चुकाने से बच रहे थे। उन्होंने टैक्स छूट के नियमों का गलत फायदा उठाया।

बैंक लेनदेन से खुली पोल:
जिन लोगों ने टैक्स छूट का दावा किया था, उनके बैंक लेनदेन ने उनकी हकीकत बता दी। यूपीआई ट्रांजैक्शन, खातों में ट्रांसफर और आरटीजीएस पेमेंट्स में अंतर पाया गया। साथ ही, जिन्होंने एलआईसी पॉलिसी या राजनीतिक दान का दावा करके टैक्स बचाया था, उनके दावे भी झूठे निकले। आयकर विभाग ने फर्जी कटौती और छूट का दावा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे पेशेवर बिचौलियों और उनके संगठित रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जो फर्जी दावों के साथ रिटर्न दाखिल करवाते थे।

आयकर मुख्यालय के अनुसार, पहले ही कई लोगों को चेतावनी दी जा चुकी है। अब तक 40 हजार करदाताओं ने अपने रिटर्न को सही किया है और करीब एक हजार करोड़ रुपये के फर्जी दावे वापस लिए गए हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Facebook

Join Now