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योगी कैबिनेट का फैसला: यूपी में अब केवल टैबलेट बटेंगे, स्मार्ट फोन बांटने का निर्णय रद्द

On: July 23, 2025 6:36 AM
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Basic Wale | Primary Ka Master

यूपी सरकार युवाओं को स्मार्टफोन की जगह केवल टैबलेट वितरित करेगी। इस साल जनवरी में 25 लाख स्मार्टफोन क्रय किए जाने के निर्णय को सरकार ने निरस्त कर दिया है। अब 25 लाख टैबलेट वितरित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने मंगलवार को औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

औद्योगिक विकास विभाग के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के तहत प्रदेश के स्रातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास तथा पैरामेडिकल आदि विभिन्न शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अंतर्गत लाभार्थी युवाओं को टैबलेट निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन की तुलना में टैबलेट की बड़ी स्क्रीन, बेहतर बैटरी क्षमता, प्रोडक्टिविटी ऐप्स जैसे वर्ल्ड, एक्सेल, पॉवरप्वाइंट, गूगल शीट आदि के बेहतर उपयोग, मल्टीटास्किंग शैक्षिक कार्यों में अधिक उपयोगी साबित होंगे।


टैबलेट शैक्षिक उद्देश्यों के लिए स्मार्टफोन की तुलना में अधिक प्रभावी हैं। टैबलेट की बड़ी स्क्रीन और बेहतर प्रोसेसिंग क्षमता ऑनलाइन शिक्षा, ई-लर्निंग सामग्री और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ज्यादा उपयुक्त है। कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटल शिक्षा के बढ़ते महत्व को देखते हुए युवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में यह एक सार्थक प्रयास है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने का निर्णय लिया था, जिसके लिए 2493 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। अब इस निर्णय को निरस्त कर टैबलेट क्रय किया जाएगा।

योगी कैबिनेट का फैसला: यूपी में अब केवल टैबलेट बटेंगे, स्मार्ट फोन बांटने का निर्णय रद्द


मुख्यमंत्री ने 2021 में फ्री टैबलेट/ स्मार्टफोन योजना शुरू की थी। यह योजना ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, टेक्निकल और डिप्लोमा कोर्स करने वाले छात्रों के लिए है। जिसके तहत लगभग एक करोड़ युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 60 लाख लोगों को टैबलेट व स्मार्टफोन बांटे जा चुके हैं।


पीसीएस जे भर्ती पाठ्यक्रम में शामिल होंगे संशोधित अधिनियम


राज्य सरकार ने पीसीएस (जे) भर्ती पाठ्यक्रम में संशोधित होने वाले अधिनियमों को शामिल करने का फैसला किया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा नियमावली 2001 में संशोधन को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। आईपीसी के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता लागू की गई है। इसी तरह अन्य कई अधिनियमों को संशोधन किया गया है। इसीलिए पीसीएस (जे) भर्ती में इन संशोधनों को शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा (षष्ठम संशोधन) नियमावली-2025 को मंजूरी दी गई है। इससे समय-समय पर होने वाले संशोधनों के कारण नियमावली में पुन: संशोधन नहीं करना पड़ेगा।


लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं के चार सेटों में तैयार होंगे प्रश्नपत्र

राज्य सरकार ने लोकसेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं को और भी फुलप्रूफ बनाने के लिए चार सेटों में प्रश्नपत्र बनवाने का फैसला किया है। अभी तक तीन सेटों में इसे तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही अलग-अलग रंग के लिफाफे में गोपनीय कोड के साथ प्रश्नपत्रों को परीक्षा केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश-2025 विधेयक संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने विधानमंडल में रखने की मंजूरी दी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। अधिनियम 1985 की धारा 10 की उपधाराओं एक, तीन, चार व पांच में संशोधन किया गया है। उपधारा एक में अभी तीन सेटों में प्रश्नपत्र तैयार किए जाने की व्यवस्था है। इसे चार सेटों में बनवाने की व्यवस्था की गई है। इन प्रश्नपत्रों को चार विशेषज्ञों से अलग-अलग तैयार कराया जाएगा। उपधारा तीन में पेपर सेट करने वाले विशेषज्ञों से प्राप्त प्रश्नपत्रों को मुहरबंद लिफाफे में उनसे रसीद लेकर दिए जाने की व्यवस्था है। इसे बदलते हुए अलग-अलग स्थान के पेपर सेट करने वालों से चार सेटों में बनवाया जाएगा।
उपधारा तीन में तीन पेपर सेट करने वालों से मुहरबंद लिफाफे में रसीद लेकर जांच करने वालों को देने की व्यवस्था है। अब चार सेटों में इसे रसीद लेकर छापने के लिए दिया जाएगा। उपधारा चार में जांच करने वाला तीनों प्रश्नपत्रों का परीक्षण करेगा। उन्हें अलग-अलग रखेगा। इस पर अपनी मुहर लगाएगा। इस पर पहचान का कोई चिह्न नहीं लगाएगा। इसे परीक्षा नियंत्रक या उसके द्वारा नामित व्यक्ति को रसीद लेकर देगा। इसे अब चार सेटों में दिया जाएगा।


उपधारा तीन में तीन पेपर सेट करने वालों से मुहरबंद लिफाफे में रसीद लेकर जांच करने वालों को देने की व्यवस्था है। अब चार सेटों में इसे रसीद लेकर छापने के लिए दिया जाएगा। उपधारा चार में जांच करने वाला तीनों प्रश्नपत्रों का परीक्षण करेगा। उन्हें अलग-अलग रखेगा। इस पर अपनी मुहर लगाएगा। इस पर पहचान का कोई चिह्न नहीं लगाएगा। इसे परीक्षा नियंत्रक या उसके द्वारा नामित व्यक्ति को रसीद लेकर देगा। इसे अब चार सेटों में दिया जाएगा।


उप धारा पांच में मौजूदा व्यवस्था के अनुसार परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के किसी भी एक प्रश्नपत्र को मुहरबंद लिफाफे को बिना खोले चुनेगा और उसे छापने के लिए भेजेगा। इसे छापने वाला ही इसका प्रूफ भी पढ़ाएगा। परीक्षा नियंत्रक द्वारा दी गई सूचना के अनुसार सभी परीक्षा केंद्रों पर मुहर बंद पैकेट में भेजेगा। परीक्षा नियंत्रक अब दो लिफाफों को बिना खोले चुनेगा और उसे छपाई के भेजेगा। परीक्षा नियंत्रण द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अलग-अलग रंगों में गोपनीय कोड के साथ इसे भेजा जाएगा और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर मुद्रक ही जिम्मेदार होगा।

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